Tuesday, 2 February 2016

love shayari

नकाब मे निकली….

घर से बाहर कोलेज जाने के लिए वो नकाब मे निकली….
सारी गली उनके पीछे निकली…
इनकार करते थे वो हमारी मोहबत से……….
और हमारी ही तसवीर उनकी किताब से निकली………

मोहबत को….

मोहबत को जो निभाते हैं उनको मेरा सलाम है,
और जो बीच रास्ते में छोड़ जाते हैं उनको, हुमारा ये पेघाम हैं,
“वादा-ए-वफ़ा करो तो फिर खुद को फ़ना करो,
वरना खुदा के लिए किसी की ज़िंदगी ना तबाह करो”

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